माटी के फर्ज
माटी के फर्ज निभावे के बा,
सभका के रहिया पे लावे के बा,
उम्मीद के अलख जगावे के बा,
भोजपुरी के पहिचान दिलावे के बा।
असरा सभकर पुरावे के बा,
सभका के आपन बनावे के बा,
स्वाभिमान सभकर जगावे के बा,
भोजपुरी के शान बढ़ावे के बा।
अनुराग रंजन
छपरा(मशरख)
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