नामवा लिखा गइल,
फिसवा भरा गइल,
कॉपिया किना गइल,
बस्ता में रखा गइल।
स्कुल में उ आ गइल,
मास्टर त पढ़ा गइल,
ट्यूशनवो धरा गइल,
प्रयास खूब बढ़ा गइल।
लइकन के उ भा गइल,
पढाई खूब उ क गइल,
परीछा भी दिया गइल,
रिजल्ट भी आ गइल।
बबुआ त छा गइल,
मिठाई भी किना गइल,
घर-घर में बटा गइल,
मनवा के हर्षा गइल।
सोच क्या हैं?? आगे बढ़ने के लिए पहला कदम! मंजिल की राह में एक कदम! उसमे भी नवीन सोच के क्या कहने! हमारा प्रयास आपको नई सोच,बेहतर जानकारी तथा जिंदगी की अनबुझ पहेलियों से रूबरू कराना है। आप यहाँ पर अपने विचार भी शेयर कर सकते है। हमारे ईमेल आईडी anuragranjan1998@gmail.com पर सुझाव भेजे। आपका, अपना अनुराग रंजन।
Sunday 6 December 2015
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