Saturday 17 October 2015

आखर ह माटी के शान

आखर ह माटी के शान,
भोजपुरी के हवे ई उपनाम,
कविता,कहानी,गद्द-पुराण,
आखर ह आपन मुस्कान।

सभे के बाटे अरमान,
भोजपुरी के फइलो नाव,
सब कर जुटी जब प्रयास,
तब भोजपुरी पाई मान-सम्मान।

सबके दिल में जगह बनावत,
सभे के उम्मीद जगावत,
भोजपुरी के मान बढ़ावत,
आखर आगे बढ़त जाव।

इहे बा अनुराग के चाह,
मिल बइठि जब सभे के ताल,
भोजपुरी होई हमनी के आन,
आखर ह माटी के शान।

माटी करत पुकार बा,
उम्मीद भइल बरियार बा,
इहे आखर के नाव बा,
भोजपुरी के प्यार बा।
आखर ह माटी के शान।

आखर परिवार के हमार प्रणाम।
राउर आपन अनुराग रंजन। —  with अनुराग रंजन

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