अधूरे ख्वाब
आधे-अधूरे ख्वाबों की कहानी ही क्या?
जो पूर्ण ना हो सके उसकी रवानी ही क्या?
जिसे पाने की तमन्ना ना हो वो चाहत ही क्या? जो ना हो आदत अगर जीत जाने की,
तो उस परवाने की कहानी ही क्या?
अनुराग रंजन
छपरा(मशरख)
सोच क्या हैं?? आगे बढ़ने के लिए पहला कदम! मंजिल की राह में एक कदम! उसमे भी नवीन सोच के क्या कहने! हमारा प्रयास आपको नई सोच,बेहतर जानकारी तथा जिंदगी की अनबुझ पहेलियों से रूबरू कराना है। आप यहाँ पर अपने विचार भी शेयर कर सकते है। हमारे ईमेल आईडी anuragranjan1998@gmail.com पर सुझाव भेजे। आपका, अपना अनुराग रंजन।
आधे-अधूरे ख्वाबों की कहानी ही क्या?
जो पूर्ण ना हो सके उसकी रवानी ही क्या?
जिसे पाने की तमन्ना ना हो वो चाहत ही क्या? जो ना हो आदत अगर जीत जाने की,
तो उस परवाने की कहानी ही क्या?
अनुराग रंजन
छपरा(मशरख)
behd umda.
ReplyDeleteप्रणाम चाची, धन्यबाद राउर प्रोत्साहन ही हमार गहना बा। जय भोजपुरी।
Deletebehd umda.
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