Thursday 7 January 2016

अधूरे ख्वाब

आधे-अधूरे ख्वाबों की कहानी ही क्या?
जो पूर्ण ना हो सके उसकी रवानी ही क्या?
जिसे पाने की तमन्ना ना हो वो चाहत ही क्या? जो ना हो आदत अगर जीत जाने की,
तो उस परवाने की कहानी ही क्या?
अनुराग रंजन
छपरा(मशरख)

3 comments:

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    1. प्रणाम चाची, धन्यबाद राउर प्रोत्साहन ही हमार गहना बा। जय भोजपुरी।

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