11 जनवरी,देश के दुसरका प्रधामन्त्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि ह। उहाँ के एगो कविता के माध्यम से अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि...
लालन में उ लाल बहादुर,
भारत माता के रहनी प्यारा।
कष्ट अनेक सह के उहाँ के,
निजी जीवन के रूप संवरनी।
तपाके खुद के श्रम के ज्वाला में,
उहां के सधनी आपन जीवन।
बना लिहनी साँच अर्थन में,
निर्मल आउर कांतिमय कुंदन।
साँच आउर त्याग के मूर्ति रही,
चाहत ना रही कउनो आडम्बर।
निर्धनता उहाँ के देखले रही ,
दिखाई दया उहाँ के निर्धन प।
युद्ध से ना घबराई उहाँ के,
विश्व-शांति के रही दीवाना।
एही शांति के बलवेदी प,
ज्ञात रहे उहाँ के मर-मिट जाना।
अनुराग रंजन
छपरा(मशरख)
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