देश के पुकार

देश का कह रहल बा हमनी से,देखी!

अंजोरा में चाहे, अन्हरिया में,
चलत रहिह तू,हरदम रहिया में,
ना रुकब हम,ना रुकिह तू,
हँसत रहिह तू,हरवक्त जिनिगिया में,
चमकत रहिह तू, हरदम अन्हरिया में।
जय हिन्द,जय भारत।
अनुराग रंजन
छपरा(मशरख)

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