Tuesday 16 February 2016

एक यादगार दिन

आज का दिन यादगार बन गया। कारण सोशल मीडिया पर सक्रीय कई मित्रों से फोन पर बात हुई। अपितु मित्र कहना सरासर गलत है। अतः

1. Saurbh Chaturvedi सर से बात हुई। मन आनंदित हो गया। ऐसा लगा मानो उन्होंने सेवा का मौक़ा सिर्फ आशीर्वाद देने हेतु ढूढ़ निकाला था। ख़ुशी का आलम यह है की आज 10 प्रश्न रोजना के तय सूचि से ज्यादा हल कर चुका हूँ। सर को सादर प्रणाम,तथा तहे दिल से आभार।

2. बड़े भैया सर्वेश तिवारी श्रीमुख जी से दो बार बात हुई। उनसे भोजपूरी को लेकर संछेप में लगभग हर मुद्दे पर बात हुई। उन्होंने हमे भोजपूरी में लिखते रहने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उज्वल भविष्य हेतु ढेर सारा आशीर्वाद मिला।  आदरणीय सर्वेश भईया को प्रणाम और शुक्रिया। जय हो जय हो।

3.साथ ही Shashi Ranjan Mishra भईया से भी बात भईल। ब्लॉग से जुड़ल मुद्दा प सार्थक आउर सटीक बात भईल। उहाँ के ऑफिस में रहला के वजह से कम शब्द में लेकिन कामयाब बातचीत भईल। ईहा के कभी फुरस्ताह में फोन क के निमन से आशीर्वाद लिआई। भईया के चरण-स्पर्श आ धन्यवाद बा।

4.असित कुमार मिश्र गुरुदेव से तो लगभग एक महीने पहले ही लम्बी एवं अति प्रोत्साहि बातचीत हो चुकी है। उनके आशीर्वाद से आज मैं अपने लक्ष्य पर निशाना साधने को तैयार हूँ। मैं ना केवल उन्हें साहित्यिक गुरु मानता हूँ वरन एक परफेक्ट निर्देशक भी मानता हूँ । गुरूवर की ही वजह से मेरा ध्यान भटकाने वाली चीजों से मोह भंग हुआ है। उनके शब्दों ने मेरे अंदर एक नये ऊर्जा का संचार किया है। सर को हार्दिक प्रणाम तथा चरण स्पर्श।

5. बाकी रह गए है,तो केवल और केवल Atul Kumar Rai भईया। उनसे भी जल्द ही फोनिक बातचीत की उम्मीद है। अतुल भईया को प्रणाम तथा सादर आभार। आपका साहित्य और संगीत के प्रति जो समपर्ण है वह मुझे अपने झेत्रों में समपर्ण हेतु सदैव प्रोत्साहित करती है।

अततः इसी कामना के साथ की आप सबों का आशीर्वाद तथा स्नेह मुझे यूँही सदैव मिलता रहेगा। लव यु ऑल। सादर प्रणाम।
आपका,
अनुराग रंजन
छपरा(मशरख)
©anuragranjan1998@gmail.com™

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