गिरता हूँ, उठता हूँ,सम्भलता हूँ और दौड़ पड़ता हूँ,
क्योंकि माँ आकर सिर पर हाथ फेरते हुए कहती है,
मेरा बेटा कभी हार मान ही नही सकता,
क्योंकि उसे तो दुनिया की हर एक ख़ुशी,मेरे इस आँचल में ला कर डालनी है ना।
तुम खुश हो तो खुश हूँ मैं, ये सिर्फ एक माँ कहती है,
मैं कहता हूँ, माँ साथ है तो हर जंग में जीत पक्की है,
हो कोई तमन्ना तो बेझिझक बता देना मुझसे माँ,
क्योंकि किसी ने कहा है "मुझ पर पहला और आखिरी हक सिर्फ तेरा है।"
अनुराग रंजन
छपरा(मशरख)
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